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भारत vs चीन

सौरभ द्विवेदी "स्वप्नप्रेमी"
सौरभ द्विवेदी "स्वप्नप्रेमी"
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अगर बलात्कारियोँ से निपटने के बाद समय मिले तो जरा चीन की घुसपैठ पर नजर कर लेना । चीन लद्दाख क्षेत्र के बेरथ इलाके मेँ 10किमी अन्दर तक भारतीय सीमा मेँ घुसकर अपनी चौकी बना चुका है और इस कार्य को हुये एक सप्ताह बीत चुका है लेकिन भारतीय सरकार ने क्या किया उन्हे बाहर क्योँ नही निकाला गया ? क्या हम अब भी इन्तजार कर रहे हैँ?
लद्दाख से दिल्ली कुछ ज्यादा दूर नही है । क्या आप चीन को वहाँ तक पहुँचने देना चाहते हैँ? भारत के पडोसी देश पाक और बाँग्लादेश चीन के पक्ष मेँ हैँ नेपाल को भी हम अपने पक्ष मेँ रख नही सके।
क्या भारतीय सेना मेँ इतना भी दम नही कि वो अपनी देश की सीमा की सुरक्षा तक कर सके ? हमारी सेना अगर चाहे तो चीन को भी भारत मे मिला सकती है लेकिन वह अधीन है कुछ बिके हुये देशद्रोहियेँ के ।
मैँ मानता हूँ कि युद्ध ठीक नही होता युद्ध से फायदा कम नुकसान ज्यादा होता हैँ लेकिन क्या अब भी हम फायदे और नुकसान का आकलन कर रहे हैँ जब चीन हमारी सीमा मे 10किमी तक अन्दर घुस आया है ?
आज का हिन्दुस्तान 1662 का हिन्दुस्तान नही है अगर अब हम चीनी सेना को हरा नही सकते तो चीन की औकात नही कि हमे हरा सके।
प्रकाण्ड विद्वान ज्योतिषी के ए दुबे पदमेश ने एक बार भविष्यवाणी की थी कि 2020 मेँ भारत विश्वशक्ति होगा । शायद ये उसी की शुरुआता है। क्या हमारी कूटनीति इतनी कमजोर है कि हम चीन को मुँहतोड जवाब नही दे सकते ।
भारत एक बार चीन को ललकार के तो देखे अमेरिका ब्रिटेन सरीखे देश भारत के साथ खडे नजर आयेँगेँ। लेकिन हमारे राजनेता शायद नपुसँक हो गये हैँ ।
हो सकता है कि इस ललकार से चीन के साथ हमेँ युद्ध करना पडे मुझे विश्वास है कि हमारी सेना कमसे कम चीन से अपनी भारत माँ के आँचल को मुक्त करा लेगी।
इस युद्ध मेँ भारतीय जनता एकजुट खडी नजर आयेगी । हमारी सरकार एक बार दहाडे तो सही । भारतीय सेना युद्ध के लिये तैयार है । अब वक्त आ गया है चीन को मुँह तोड जवाब देना ही पडेगा । आखिर कब तक हम चीन के इन कुकृत्योँ को नजरन्दाज करते रहेगेँ?

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