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हमारा देश हमेशा से विद्वानोँ और वीरोँ का जन्मदाता रहा है। यहाँ के ऋषि मुनियोँ द्वारा रचित ग्रन्थोँ के आधार पर ही आज की विज्ञान आधारित है और जहाँ तक मेरा खयाल है आज का विज्ञान द्वापर और त्रेता के विज्ञान के कहीँ आस पास भी नही फटकता।
रामायण में एक ऐसे विमान का वर्णन है जिस पूरी वानर सेना सवार हो गयी थी और महज मानसिक आदेशो पर चलता था और सबसे विशेष बात ये है कि उसे पेट्रोलियम की भी आवश्यकता नही थी। कहने का तात्पर्य ये है कि भारतीय विज्ञान पुरातन से ही सर्वोपरि रहा है।
रही बात वीरोँ की तो राम, कृष्ण, लक्ष्मण भरत बलराम हनुमान अर्जुन भीम जैसे महावीर त्रेता द्वापर मेँ तथा शिवाजी, महाराणा प्रताप गुरु गोविन्द सिँह चन्द्र शेखर आजाद भगत सिँह सुभाष जैसे वीर इस युग मेँ भी हुये हैँ अत: वीरता और देश पर बलिदान होने मेँ भी हम पीछे नही हैँ। देश पर बलिदान हो जाने और स्वाभिमान का गुण हमारे पूर्वजो से हमेँ विरासत मेँ मिला है।
इतना सब कुछ होते हुये भी भारत की हिजडी सरकार पाकिस्तान और चीन को सबक नही सिखा पा रही है । इससे एक बात तो साफ है कि भारतीय सरकार विदेश नीति मेँ असफल हो रही है । आज पूरा देश एक स्वर मेँ बोल रहा है कि पाकिस्तान का नामोनिशान मिटा दो लेकिन फिर भी सरकार को पता नही किस बात का डर है।
मैँ मानता हूँ कि युद्ध से जन धन की हानि होती है। लेकिन पाकिस्तान की इतनी औकात नही कि हमारा कुछ नुकसान कर सके लेकिन अगर इसी तरह भारत चुप रहा तो 5-5 10-10 करके वे मारते जायेगेँ।
सबसे हैरानी बात तो ये है कि जिस गलती पर पाकिस्तान को सफाई देनी चाहिये भारत सरकार दे रही है।
भारतीय अब सत्ता अपने हाथ मेँ ले लो नही तो ये गद्दार नेता आपको ऐसे ही मरवाते रहेगेँ। बिना कुछ देखे सुने पाकिस्तान को भारत के नक्शे मेँ फिर से जोड दो।
आप सभी ने देखा होगा जब विपक्षी दल पाकिस्तान पर कार्यवाही की बात कर रहे थे तब रक्षा मंत्री जी मुस्कुरा रहे थे .
ये निर्लज्ज हैं इन्हें कोई फ़र्क नहीं पड़ता
अक अदना सा देश हमारे घर में घुसकर हमारे लोंगो को मारकर आराम से हमारी संसद की लड़ाई का आनंद ले रहा है
और हम कुत्ते बिल्लियों की तरह लड़ भी रहे हैं ये समय आपस में लड़ने का नहीं है दुसमन पर कार्यवाही का है
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